लेखनी कहानी -28-Apr-2022 एक गरीब की व्यथा
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-एक गरीब की व्यथा
देखा हमने एक गरीब
कमर थी उसकी झुकी झुकी
भूख से हुआ उसका यह हाल
सोचता रहता सारे दिन
कैसे भरू में पेट इनका
सोचते-सोचते पड़ गए
आंखों के नीचे गहरा गड्ढा
पड़ी चेहरे पर झुर्रियां
सारे दिन कड़ी मेहनत करता
फिर भी पेट नहीं भर पाता
तोड़ी कमर महंगाई ने उसकी
सोच सोच कर झुक गई कमर उसकी
हो गया चेन आराम बेहाल
देखा हमने एक गरीब
कमर थी उसकी झुकी-झुकी
गरीबी से हुआ उसका यह हाल
सप्ताह की 17वीं कविता
Zainab Irfan
28-Apr-2022 11:30 PM
Very nice 👍🏼
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Seema Priyadarshini sahay
28-Apr-2022 09:59 PM
बहुत खूबसूरत
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Abhinav ji
28-Apr-2022 09:29 PM
Very nice👍
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